बाढ़ आई तो घबराइए मत... प्रशासन पूरी तरह तैयार है: लखीमपुर खीरी की 5 तहसीलों में रियल मॉक ड्रिल, डीएम व एसपी फील्ड में उतरे



संपादक विमलेश कुमार

लखीमपुर खीरी, 26 जून।
“बाढ़ आई तो घबराइए मत... प्रशासन तैयार है।” इसी संकल्प के साथ लखीमपुर खीरी जिले में बुधवार को पांचों बाढ़ प्रभावित तहसीलों—पलिया, निघासन, मितौली, ईसानगर व रमिया बेहड़—में रियल मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस व्यापक अभ्यास का नेतृत्व जिला अधिकारी (डीएम) दुर्गा शक्ति नागपाल और पुलिस अधीक्षक (एसपी) संकल्प शर्मा ने स्वयं किया। आपदा प्रबंधन से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं की गहनता से पड़ताल की गई, साथ ही ज़मीनी हालात में प्रशासन की तैयारियों को परखा गया।

फील्ड में डीएम-एसपी, हर परिस्थिति के लिए तत्परता

डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल व एसपी संकल्प शर्मा ने रेस्क्यू टीमों के साथ मिलकर विभिन्न बाढ़ परिदृश्यों का अवलोकन किया। जहां कहीं नाव पलटी, गांवों में पानी घुसा, लोग फंसे—हर परिस्थिति को वास्तविक आपदा की तरह समझते हुए संबंधित विभागों की सक्रियता देखी गई।

डीएम नागपाल ने स्पष्ट कहा, "प्रशासन का उद्देश्य सिर्फ तैयार रहना नहीं है, बल्कि आमजन को भरोसा देना है कि मुश्किल समय में वे अकेले नहीं हैं।" वहीं एसपी संकल्प शर्मा ने पुलिस-प्रशासन के समन्वय पर ज़ोर देते हुए कहा, "हमारा हर सिपाही, हर थाना बाढ़ आपदा में रक्षक की भूमिका निभाएगा।"

ADM नरेंद्र बहादुर सिंह ने संभाला पलिया में मोर्चा

पलिया तहसील में अपर जिलाधिकारी (ADM) नरेंद्र बहादुर सिंह की अगुवाई में मॉक ड्रिल संपन्न हुई, जहां नाव के पलटने से लेकर बाढ़ में फंसे ग्रामीणों के रेस्क्यू तक, सभी परिदृश्यों को जीवंत रूप से दर्शाया गया। बचाव टीमों ने रेस्क्यू बोट, जीवन रक्षक जैकेट, सर्च लाइट और मेडिकल सहायता की व्यवस्था के साथ तत्परता दिखाई।

दमकल, स्वास्थ्य, NDRF, पुलिस व राजस्व की संयुक्त कार्यवाही

ड्रिल में राजस्व विभाग, पुलिस बल, स्वास्थ्य विभाग, दमकल सेवा, NDRF/SDRF, नगर पालिका, बिजली विभाग समेत सभी जरूरी एजेंसियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

  • दमकल टीमों ने जलते घर को बुझाने की कार्रवाई का प्रदर्शन किया।

  • स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने प्राथमिक उपचार, मरीजों की शिफ्टिंग, और फील्ड एम्बुलेंस सेवा को दर्शाया।

  • प्रशासनिक टीमों ने बाढ़ राहत शिविरों की व्यवस्था, खाद्यान्न वितरण और शुद्ध पेयजल की उपलब्धता को सुनिश्चित करने का तरीका बताया।

ग्रामीणों को मिला विश्वास, जनसहभागिता रही अहम

ड्रिल के दौरान सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति रही, जिन्हें आपदा की स्थिति में क्या करना है, कैसे सुरक्षित रहना है, इसकी जानकारी दी गई। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को बाढ़ से बचाव, राहत सामग्री प्राप्त करने और संपर्क सूत्रों की पूरी जानकारी दी गई।

बाढ़ नियंत्रण कक्षों के नंबर भी साझा किए गए और ये आश्वासन दिया गया कि किसी भी आपदा की स्थिति में प्रशासन तत्काल मदद के लिए पहुंचेगा।


निष्कर्ष:

लखीमपुर खीरी प्रशासन ने जिस तरह से ज़मीनी स्तर पर बाढ़ पूर्व तैयारियों का आकलन किया है, वह न सिर्फ अनुकरणीय है बल्कि आपदा प्रबंधन के प्रति उसकी गंभीरता को दर्शाता है। जिला प्रशासन की यह सक्रियता जनता में विश्वास जगाती है कि यदि आपदा आई, तो शासन-प्रशासन उनके साथ खड़ा मिलेगा।

संदेश स्पष्ट है—बाढ़ आई तो घबराइए मत, प्रशासन तैयार है!




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